गाँव और शहर में क्या अंतर है ? – Difference between Village and City in Hindi, ग्रामीण और शहरी जीवन में अंतर, About Village Life in Hindi

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City Vs Village in Hindi – अभी के समय में यह एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है कि City Vs Village or गाँव और शहर में से अधिक बेहतर क्या है। जहां एक तरफ 90% लोग शहरों को अधिकतर मानते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गाँव में रहना बेहतर और सुखद समझते हैं।

गाँव और शहर (City Vs Village) में दिन रात का अंतर होता है। गाँव में रहने वाले लोग शहर में रहने की चाह रखते हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं वहीं दूसरी तरफ शहर में रहने वाले लोग अपने गाँव में जाकर छुट्टियां बनाने की राह देखते रहते हैं।

अगर गाँव शहर (City Vs Village) में कोई अंतर है तो वह वातावरण और सुविधाओं का है और इसके अलावा गाँव से शहर की तरफ बढ़ते बढ़ते हैं मानव व्यवहार में भी काफी अंतर आता है। गाँव और शहर के बिच का थोडा बहुत अन्तर तो हम सभी समज़ते हैं।

लेकिन अधिकतर लोगों के दिमाग में गाँव और शहर के बीच का अंतर (City Vs Village in Hindi) केवल भौगोलिक स्थिति पर निर्भर होगा। यानि की गाँव और शहर को अधिकतर लोग केवल उनकी भौगोलिक स्थिति के Scal पर ही नापते होंगे लेकिन इनमे कई अंतर होते हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में !

City Vs Village

गाँव क्या होते हैं ? What is Village in Hindi ? About Village Life in Hindi – City Vs Village

City Vs Village टॉपिक में सबसे पहले हम गाँव के बारे में जानते है गाँव की एक निश्चित परिभाषा देने की की कोशिश करना व्यर्थ है लेकिन अगर फिर भी गाँव को समझा जाये तो यह कह सकते हैं की वह जगह जहां पर व्यक्ति को शहर के मुकाबले कम सुविधाएं प्राप्त होती हैं और जीवन स्तर निम्न होता हैं, उन्हें गाँव कहते हैं। गाँवकी आर्थिक व्यवस्था प्राथमिक व्यवसाय पर निर्भर होती है जैसे कि कृषि, पशुपालन, लकड़ी काटना, मछली पकड़ना, खनन और वनों से प्राप्त सामग्री का व्यापार आदि। अधिकतर गाँव भूमि के विदोहन पर आधारित होते हैं।

गाँव में मुख्यतः चार प्रकार के अधिवास पाए जाते हैं :

  1. सघन या गुछित अधिवास
  2. प्रकीर्ण या एकाकी अधिवास
  3. मिश्रित अधिवास
  4. पल्ली अधिवास

गाँवमें शहरों के मुकाबले काफी कम सुविधाएं पाई जाती है जिसकी वजह से कई बार गाँव में रहने वाले व्यक्ति हो यानी कि ग्रामीणों को काफी कुछ झेलना पड़ता है और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि गाँव में रहना एक बुरी बातें क्योंकि गाँव में कई तरह की विशेषताएं भी पाई जाती है। गाँव में शुद्ध वातावरण और शुद्ध खाना मिलता है।

कुछ रिपोर्ट के अनुसार यह भी कहा गया है कि गाँव में रहने वाले व्यक्तियों का शरीर अधिक मजबूत होता है और वह अधिक समय जीते हैं। घरों में रहने वाले व्यक्तियों में डिप्रेशन जैसी खतरनाक बीमारिया कम पाई जाती हैं।

अगर कुल मिलाकर कहा जाए तो गाँव में एक सुकून की जिंदगी होती है। गाँव में मिलने वाली विशेषताओं के बारे में हर वह व्यक्ति समझ सकता है जो शहर में रहता है और कभी-कभार ही गाँव जाता है। आइये अब जानते हैं शहर के बारे में!

शहर क्या होते हैं ? What is City in Hindi ? 

City Vs Village टॉपिक में अब हम हम शहर के बारे में जानते हैं लेकिन अगर फिर भी इसकी को निश्चित परिभाषा दी जाये तो वह स्थान जहां के लोगो का जीवन उच्च स्तर का हिट हैं और जहाँ अधिक सुविधायें उपलब्ध होती हैं उन्हें शहर कहते हैं।

शहरो में कई प्रकार की सुविधा आसानी से मिल जाती है और यही कारण है कि लगभग गाँव में रहने वाला हर व्यक्ति शहरों की तरफ अग्रसर है यानी कि वह इस शहर में आकर निवास करना चाहता है। काफी सारी ग्रामीण लोग आजकल अपने गाँव को छोड़कर शहरों की तरफ पढ़ाई और रोजगार आदि की तलाश में आ भी रहे हैं। अब जब हम गाँव और शहर के बारे में बात कर रही थी कि मैं तो आइए City Vs Village के बीच का अंतर जानते हैं!

गाँव और शहर में क्या अंतर है ? City Vs Village or Village vs City in Hindi ? – ग्रामीण और शहरी जीवन में अंतर

1. चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाओ का अभाव : gramin jeevan में रहने वाले व्यक्तियों को जो सबसे बड़ी दिक्कत आती है वह चिकित्सा संबंधी सुविधाओं को लेकर आती है। यहां के निवासियों को छोटी-छोटी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शहर में जाना पड़ता है, और कभी कबार तो समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ शहर में स्वास्थ्य सेवाए प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है।

2. संचार के साधन : यह बात भी बिल्कुल सही है कि गाँव में रहने वाले लोगों के पास संचार के साधनों की कमी होती है। गाँव में जाने आने के लिए परिवहन साधनों का अभाव होता है और ऐसे में अगर किसी के पास व्यक्तिगत साधन उपलब्ध नहीं है तो उसे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर गाँवों के लोग आज भी फोन और इंटरनेट जैसी तकनीकों से काफी हद तक वंचित है। वहीं दूसरी तरफ शेयरों में संचार के साधनों की कोई कमी नहीं है।

3. बिजली का अभाव : सरकार सभी गाँव को बिजली प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रही है और काफी समय से करती आ रही है लेकिन फिर भी प्राथमिकता शहरों को ही दी जाती है और गाँव को अगर बिजली मिलती भी है तो वह कुछ समय के लिए ही मिलती है। जिस गाँव में जितने कम लोग रहते हैं वहां उतनी ही कम बिजली और सुविधाएं होती है।

4. रोजगार के अवसरों की कमी : gramin jeevan में तीन प्रकार की रोजगारी पाई जाती है जिनमें से पहली पूर्ण बेरोजगारी दूसरी छिपी हुई बेरोजगारी और तीसरी मौसमी बेरोजगारी होती है। पूर्ण बेरोजगारी में युवा पूरी तरह से बेरोजगार होता है और दूसरी तरफ सिरोही बेरोजगारी में मेहनत करते हुए भी व्यक्ति के हाथ में कुछ नहीं लगता है और मौसमी बेरोजगारी में समय-समय पर ही रोजगार उपलब्ध हो पाता है। गाँवों में रोजगार की कमी के कारण ही युवा दल शहरों की ओर बढ़ रहा है। गाँवों के मुकाबले शहरों में रोजगार मिलना आसान होता है।

5. शिक्षा की व्यवस्था : हर व्यक्ति को अपने सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए शिक्षा की जरूरत होती है। गाँवों में भले ही शिक्षा के साधन बढ़ते जा रहे हैं लेकिन आज भी गाँव में शिक्षा का अभाव है और यहां तक कि सैकड़ों गाँवों में तो प्राथमिक शिक्षा भी उपलब्ध नहीं है। अगर किसी गाँव में प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध हो भी जाती है तो भी व्यक्ति को उच्च शिक्षा के लिए शहरों की तरफ बढ़ना पड़ता है।

6 . शुद्धता : भले ही शहरों में सैकड़ो प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो लेकिन आज भी शुद्धता का जीवन गाँव नहीं है। गाँवों में ना केवल शुद्ध साग सब्जियां और अन्य मिलता है बल्कि शुद्ध हवा और काफी हद तक शुद्ध पानी भी मिलता हैं।

इसके अलावा ग्रामीण लोगों में कार्य करने की क्षमता भी शहरी लोगों से अधिक पाई जाती है इसलिए उनका शरीर भी शहरी लोगों के मुकाबले अधिक मजबूत रहता है। यानी कि देखा जाए तो शुद्धता में ग्रामीण लोग और गाँव का वातावरण शहर और शहरी लोगों से आगे हैं।

7. व्यवहार : मनुष्य को जीवन जीने के लिए केवल सुविधा ही पर्याप्त नहीं है बल्कि मनुष्य को सामाजिक व्यक्ति होने के कारण समाज के अन्य लोगों के साथ भी जुड़ा रहना पड़ता हैं। भूगोल भी गया बात मानते हैं कि गाँव के लोग एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और उनका व्यवहार शहरी लोगों के मुकाबले काफी बेहतर होता है। कौन हैं बेहतर ?

शुरुआत से ही विद्वानों में इस बात पर बहस रही है कि गाँव और शहरों (City Vs Village) में से कौन अधिक बेहतर है लेकिन दोनों ही अपनी-अपनी जगह श्रेष्ठ हैं। जा एक तरफ गाँव में रहने वाले व्यक्ति सुविधाओं के लिए शहरों की ओर बढ़ता है तो वहीं दूसरी तरफ शहर में रहने वाला एक सफल व्यक्ति छुट्टियों में अपने गाँव जाकर गाँव के जीवन का आनंद लेने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।

शुद्धता के मामले में गाँव शहरों से काफी ज्यादा आगे है और यह बात भी मान्य है कि ग्रामीण लोग शहरी लोगों की तरह चिंता और तनाव में नहीं रहते। अगर दोनों प्रकार के जीवन की तुलना की जाए तो ग्रामीण लोगों का जीवन सुकून भरा होता है और वहीं दूसरी तरफ शहरी लोगों को भौतिक सुविधाएं तो मिल जाती है लेकिन वह आंतरिक शांति से वंचित रह जाते हैं।

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