What is Bond in Hindi, Type Of Bond – आज कल बहुत सारी Company और Goverment, दोनों मिलकर कई सारी ऐसी योजनाएं चला रही है जिससे की लोगो को लाभ हो। यह योजनाएं अधिकतर Third Sector के काम यानि की Banking आदि से भी जुड़ी हुई है। उनमे से ही एक योजना है बॉन्ड, जिसके बारे में काफी कम लोग जानते है। आज मैं आपको इसी के बारे में बताऊँगा।
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Bond Kya Hai , What Is Bond in Hindi ?
Bond Loan Securities के लिए भेजा जाता हैं। इसमें एक Investor किसी Corporation या Government से बॉन्ड खरीदता है। इस Period में जो बॉन्ड का Issuer होता है वह बॉन्ड के द्वारा कमाए गए ब्याज को चुकाता है।
बॉन्ड एक प्रकार का Loan deed हैं जो की Public के द्वारा पैसे कमाने के लिए जारी किये जाते हैं चूंकि बॉन्ड में Investment को अन्य की तुलना में बहुत कम Risky बताया जाता है, लोग अपनी जमा कीये हुए पैसे पर ब्याज पाने के लिए या Tax की बचत करने के Motive से इसमें Investment करते हैं।
हांलाकि बॉन्ड की Rates ब्याज की दरों से उलटे रूप से Releted हैं, जैसे- जब ब्याज की Rates बढेंगी, बॉन्ड की दरें कम होंगी या इसका ठीक Opposite होगा। यानि की जब बॉन्ड की दरे कम जब ब्याज ज्यादा।
Bond Kitne Type(प्रकार) Ke Hote Hai ? Types of Bond in Hindi ?
- Public Sector Undertaking Bonds
- Corporate Bond
- Emerging Markets Bond
- Tax Saving Bonds
1 . Public Sector Undertaking Bonds :: यदि आप Indian Bond Market में Middel से लंबे Period के Investment की तलाश कर रहे हैं, तो एक Public Area के Venture Bond एक अच्छा Option हो सकता है।
Public Area के Venture जारी किए जाते हैं और Indian Government द्वारा Supported होते हैं, लेकिन वे आम तौर पर एक Private आधार पर बेचे जाते हैं। दूसरे शब्दों में, भारत सरकार Investors को स्वयं को लक्षित करती है और इन Investors को Fix Rates पर बॉन्ड प्रदान करती है। एक Invest Banker आम तौर पर केवल इस Condition में एक बीच के काम करने वाले के रूप में कार्य करता है।
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2 . Corporate Bond :: ये ज्यादा Conventional bond हैं, जो भारत में Private Corporation द्वारा उन Terms and Condition के लिए प्रदान किए जाते हैं जो 15 साल तक रह सकते हैं।
पहले Mention किए गए Goverment Bonds के Opposite, कोई भी Corporate Bond Buy कर सकता है। हालांकि, Default का एक बड़ा जोखिम है और जो बॉन्ड, Market की Condition, Company की Industry और उसके Investment Ratings का Support कर Corporation पर निर्भर कर सकते हैं। लेकिन जोखिम में Investment पर ज्यादा Return आता है।
3 . Emerging Markets Bond :: Indian Government द्वारा जारी किए गए ये बॉन्ड, विदेशों में Third World के देशों में आर्थिक विकास के लिए पूंजी जुटाने के लिए Hard Currency के रूप में जारी किए जाते हैं।
जरूर आप सोच रहे होंगे की इन बॉन्ड के बारे में क्या अलग है? यह है कि वे आम तौर पर US Doller या Euro में जारी किए जाते हैं, जो उन देशों के Investors को ज्यादा Attractive बना सकते हैं।
इन ईएम बॉन्ड को Attractive बनाना भी ब्याज Rate है, जबकि Higher रूप से जारीकर्ता द्वारा Pay किया जाता है। भारत जैसे देशों में जोखिम कम Credit Rating है और बॉन्ड की Success देश के आर्थिक विकास की Success से Releted है।
4 . Tax Saving Bonds :: Indian Government Special बॉन्ड जारी करती है जो अपने Citizen को Loan का Pay करने से आंशिक रूप से या पूरी तरह से जारी होने की Permission देती है।
उनमें से ज्यादातर India के Reserve Bank द्वारा जारी किए जाते हैं। ये पांच साल के बॉन्ड 6.5% की Intereste Rate पर Sell किये गए हैं और हर Half Year के दौरान ब्याज का Pay किया जाता है।
Investors के लिए ऊपर यह है कि इस बॉन्ड की Buying के Through, Releted Intereste Income पर Loand का Pay करने से उन्हें Free कर दिया जाता है, जब तक कि वे पूरी तरह से समर्थ होने तक Relationship नहीं रख देते।
बॉन्ड काम कैसे करता है ?, How Bonds work in Hindi ?
कई बार हमारे goverment या फिर किसी company को अपने लिए पैसे जमा करना होता है तो वो सीधे किसी bank से रकम न लेकर निवेशको के जरिये बॉन्ड से पैसे जुटाती है और इसमें बॉन्ड comapny पहले तय कर देती है पैसे return के time कितना ब्याज देना होगा |
बॉन्ड की Value कैसे तय होती है ? , How The Bond Value is Fixed in Hindi
actully ये कोई एक formula पर work नहीं करती है ये कई बातो पर निर्भर करती है example ये कैसे आदमी को पैसे दिए है और वो कितना भरोसेमंद है,वो कोण है उसे कितना ब्याज पर पैसे दिए गए है इन्ही सब बातो पर depend करती है
Hiiiiiii
Itna short comment na kare