V-Mart Business Model in Hindi – वी-मार्ट का बिज़नेस मोडल हिंदी में – भारत दुनिया के सबसे विकासशील देशों की लिस्ट में शामिल है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और ना केवल शहरी लोग बल्कि ग्रामीण लोग भी नहीं नहीं आधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं।
एक जमाना हुआ करता था जब हम किसी भी छोटे से छोटे सामान को लेने के लिए मार्केट में जाया करते थे और अगर हमें अधिक सामान लेने होते तो अब एक दुकान से लेकर दूसरी दुकान पर जाकर थे या फिर सरल भाषा में कहा जाए तो पूरे बाजार में भटकते फिरते थे।
लेकिन अब जमाना बदल चुका है और हमें किसी भी तरह का सामान लेने के लिए बस एक मॉल में जाना पड़ता हैं। पहले केवल मेले हुआ करते थे और मेले में ही हमें अधिकतर सामान एक साथ मिलते थे लेकिन अब पूरे साल लगने वाला मेला यानी कि मॉल होता हैं जिसमे हमे एक छत के नीचे ही सभी तरह का सामान मिल जाता हैं।
अभी के समय में Supermarts का क्रेज भी काफी ज्यादा बढ़ चुका है। काफी सारी अलग-अलग कंपनियां Supermart के सेक्टर में आ रही हैं। रिलायंस और टाटा जेसी देश की लीडिंग कंपनी अभी सुपर मार्ट में इन्वेस्ट कर रहे हैं लेकिन यह अपना वर्चस्व उतना नहीं बना पा रही जितना की अन्य कंपनियां जैसे कि डी मार्ट और V-mart बना रही हैं।
V-mart देश की तेजी से आगे बढ़ते हुए सुपरमार्ट कंपनियों में से एक है। आज के इस पोस्ट में हम इसी लीडिंग v-mart कंपनी के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि V-Mart क्या है और V-Mart का बिजनेस मॉडल क्या है। चलिए शुरू करते हैं!
V-Mart क्या हैं ? What is V-Mart in Hindi
V-Mart भारत की सबसे बड़ी रिटेल कंपनियों में से एक है V-Mart के सुपरमार्ट जगह जगह मौजूद हैं। V-Mart मुख्य रूप से Clothings, Shoes, Watches, Glasses आदि पर Based है लेकिन लाइफ़स्टाइल प्रोडक्ट्स के अलावा और दिमाग में आपको काफी तरह के प्रोडक्ट जैसे कि Home Decoration, Grocery, Foods, Cleaning Products और इनके अलावा भी काफी देर है कि Products मिल जाते हैं जो आपके रेगुलर रूप से काम आते हैं।
यानी कि आप को मिलाकर V-Mart को बिग बाजार या D-Mart की तरह ही एक सुपर मार्ट मान सकते हैं। V-Mart की आधिकारिक Website से मिली जानकारी के अनुसार इसकी स्थापना साल 2002 में पश्चिम बंगाल से हुई थी। साल 2004 में इनका स्टोर भारत की राजधानी दिल्ली में खोला गया था।
V-Mart Store की शुरुआत से ही काफी अच्छी सर्विस थी और इस वजह से लोगों ने इसमें काफी पसंद किया और देखते ही देखते साल 2006 तक 1 लाख स्क्वायर फीट तक अपने रिटेल स्पेस को बढ़ा दिया और सोने के साथ-साथ इनके मॉल्स या फिर कहें तो सुपर मार्ट से मिलने वाले प्रोडक्ट में भी बढ़ोतरी होती गई और लोग इनसे तेजी से जुड़ते गए।
साल 2006 में ही इन्होंने V-Mart के फाउंडर्स ने इन Stores को एक नाम देने की सोची और इसका नाम V-Mart Private Limited कर दिया गया। इसके नाद साल 2008 में इस कम्पनी को Public Limited करके इसका नाम V-Mart Retail कर दिया गया।
साल 2012 में आए एक आंकड़े के अनुसार सन 2012 तक V-Mart देश में करीब 500000 स्क्वायर फीट की जगह पर अपने Retail Stores चला रहा था। इस बात में कोई दो राय नहीं कि काफी सारी कम्पनियो Supermart सेक्टर में V-Mart से आगे हैं लेकिन V-Mart भी देश की तेजी से आगे बढ़ती हुई Supermart Companies में से एक हैं।
आज के समय में सभी राजधानियों के साथ सभी बड़े शहरों में तो V-Mart के सुपर मार्ट होते ही हैं और साथ में के छोटे शहरों में भी यह कम्पनी अपना वर्चस्व बना रही हैं।
V-Mart Business Model in Hindi – वी-मार्ट का बिज़नेस मोडल हिंदी में
विमार्ट की आधिकारिक Website और इनके मॉल्स में हमे हमेशा एक स्लोगन दिखाई देता हैं जो है ‘We Provides Costumers to True Value for Their Money’, वैसे ज्यादा गहराई में न जाते हुए इसका मतलब देखा जाए तो वह यह होगा कि यह कंपनी कस्टमर्स को उनके दिए गए पैसों के लिए पूरी वैल्यू प्रोवाइड करने की कोशिश करती है।
काफी हद तक यह बात सच भी है कि V-Mart एक सुपर मार्ट कंपनी है और यह हमें सस्ते में अच्छे और क्वालिटी प्रोडक्ट्स प्रोवाइड करती है। Malls आदि का खर्चा होते हुए भी V-Mart हमे बाजार के मुकाबले कम पैसों में Products Provide करवाती हैं।
अब ऐसा तो है नहीं कि दान देने के उद्देश्य से V-Mart यह काम करती हो और इससे कोई Profit नहीं कमा रही हो। दरअसल इसके लिए V-Mart का एक बहुत तगड़ा Business Plan हैं जिसे Follow करते हुए वह यह सब काम करती हैं।
इस पोस्ट में हम V-Mart उसी Business Plan की बात करेंगे। V-Mart के Business Plan या फिर कहे तो Business Model में कुछ Special Strategy आती हैं :
1. सीधा Factory से Product : जब याद किसी किराने की दुकान से कोई सामान लेने जाते हो तो वह आपके पास केवल किराने की दुकान से नहीं आ रहा है बल्कि काफी ज्यादा घूम फिर के आ रहा है।
आपके पास आने से पहले वह प्रोडक्ट फैक्ट्री से निकलता है और उसके बाद स्टेट लेवल के रिटेलर्स के पास आता है और उसके बाद जो सिटी के लेवल के रिटेलर्स होते हैं उनके पास आता है और उसके बाद छोटे रिटेलर्स के पास आता हैं और फिर उसके पास आपकी सामान्य किराने की दुकान के पास आता है जिससे आप वह सामान खरीद के लाते हो।
यानी की फैक्ट्री से निकलने से लेकर आपके पास पहुंचने तक उसका दाम काफी ज्यादा बढ़ जाता है लेकिन अगर आप डायरेक्ट फैक्ट्री से ही सामान लाओ तो आपको वह सामान आपकी मन में सोची गयी कीमत से भी कम में मिल जाएगा।
V-Mart जैसी बड़ी सुपर मार्ट कंपनियां भी यही करती है वह डायरेक्ट कंपनियों से बात करती है जिनका प्रोडक्ट उनके सुपरमार्ट्स में आने वाला है और उसके बाद उनका काफी सारा प्रोडक्ट एक साथ खरीद लेती है।
यानी कि कंपनी से प्रोडक्ट डायरेक्ट Stores में आता है वह Stores से आपके पास आता है। कई सारे प्रोजेक्ट इन के खुद के मैन्युफैक्चर किए हुए भी होते हैं जिसकी वजह से इन्हें हर प्रोडक्ट में काफी अच्छा खासा मार्जन मिलता है जिसमें से यह कम्पनिया आपको भी शानदार डिस्काउंट देने में सक्षम होती है।
2. ज्यादा Quantity में Products खरीदना : जब भी कोई कंपनी किसी प्रोडक्ट का मैन्युफैक्चर करती है तो उसको हमेशा अपने प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में बेचना होता है जिसके लिए वह काफी सारी ट्रिक्स अपनाती है।
अगर आप किसी कंपनी से जाकर डायरेक्ट प्रोडक्ट लाते हो तो वह प्रोडक्ट आपको सस्ता पड़ेगा लेकिन अगर आप उनका काफी सारा प्रोडक्ट एक साथ लेते हो तो वह आपको स्पेशल डिस्काउंट भी जरूर देते हैं। यही सुपरमार्ट्स कंपनियों के साथ भी होता है।
जब कंपनियां किसी बड़े रिटेलर को प्रोडक्ट भेजती है तब वह उतना कमीशन नहीं देती जितना की सुपर मार्ट कंपनी को देती है क्योंकि Supermarts कंपनियां उनका काफी सारा प्रोडक्ट एक साथ खरीद लेती है बल्कि आने वाले दिनों में मैन्युफैक्चर होने वाले प्रोडक्ट्स के लिए भी Deal कर दी जाती है और इस वजह से मैन्युफैक्चर करने वाली कंपनी सुपर मार्ट कंपनी को अच्छी गाड़ी छूट देती है जिसकी वजह से वह हमें अधिक डिस्काउंट देने में भी कोई दिक्कत नहीं जताते।
3 . Expenses कम रखना : अधिकतर देखा जाता है कि जो बड़े-बड़े ब्रांड के स्टोर होते हैं जैसे कि एडिडास आदि Stores होते हैं उन्हें आपको काफी तरह की फैसिलिटी और सुविधाएं मिल जाती है लेकिन उस वजह से आपको पूरी पूरी काफी महंगे मिलते हैं क्योंकि वह सारी सुविधाएं आपके ही पैसों मसे आपको मिलती हैं।
लेकिन Supermart कम्पनिया जैसे की V-Mart अपने खर्चों को कम से कम रखने की कोशिश करती है और इस वजह से इनका डेकोरेशन और Services उतना अच्छा नहीं रहता जितना कि किसी प्रोफेशनल कंपनी के स्टोर का रहता है।
इनका फोकस पूरी तरह से प्रोडक्ट पर होता है और यह बात सही भी है क्योंकि ग्राहक के लिए भी किसी भी तरह की डेकोरेशन से ज्यादा Product मायने रखता है और इस वजह से Product पर फोकस करना और उन्हें बेहतरीन दामो में उपलब्ध कराने पर अधिक फोकस किया जाता हैं।
इस वजह से इनका काफी सारा खर्चा बच जाता है और इस तरह से इन्हें अच्छा Profit होता हैं। इन सभी तरीको को अपनाते हुए V-Mart हमे सस्ते में लेकिन बेहतरीन प्रोडक्ट उपलब्ध करवा पाती है और इसी वजह से लोग इसे काफी ज्यादा पसंद करते हैं।
So Guys, उम्मीद है कि आपको हमारा यह पोस्ट V-Mart क्या है V-Mart Business Model in Hindi पसंद आया होगा। अगर आप ऐसी अन्य रोचक जानकारियों को प्राप्त करते रहना चाहते हो तो हमारे साथ जुड़े रहिए |