Ultrasound Kaise Hota Hai – अल्ट्रासाउन्ड कैसे होता है?

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Ultrasound Technology जिसे की सामान्य भाषा मे Sonography कहा जाता है एक ऐसी प्रक्रिया है जिसको उपयोग सामान्य तौर पर प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में मौजूद बच्चे की तस्वीर लेने के लिए किया जाता है। अगर आप नहीं जानते की आखिर अल्ट्रासाउंड क्या होता है और अल्ट्रासाउन्ड कैसे होता है (Ultrasound Kaise Hota Hai) तो यह लेख पूरा पढ़े क्युकी इस लेख में हम आपको सोनोग्राफी अर्थात अल्ट्रासाउंड की पूरी जानकारी आसान भाषा में देने वाले हैं, जिसमें आपको अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया भी बताई जाएगी।

अल्ट्रासाउंड क्या होता है – Ultrasound Kya Hota Hai?

इस लेख में हम आपको आगे बताएंगे कि आखिर अल्ट्रासाउंड कैसे होता है (Ultrasound Kaise Hota Hai) अर्थात अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया क्या है लेकिन उससे पहले आपका यह जानना जरूरी है कि आखिर अल्ट्रासाउंड क्या होता है (Ultrasound Kya Hota Hai) तो जानकारी के लिए बता दे कि अल्ट्रासाउंड अर्थात सोनोग्राफी एक प्रकार का स्कैन होता है अर्थात अल्ट्रासाउंड को एक तरह से अल्ट्रासाऊंड स्कैन भी कहा जाता है, जो की एक ऐसा मेडिकल टेस्ट होता है जिसमें हाई फ्रिकवेंसी साउंड वेव्स का उपयोग किया जाता है।

सरल भाषा में अगर अल्ट्रासाउंड को समझा जाए तो अल्ट्रासाउंड में हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव्स का उपयोग करते हुए बॉडी के अंदर की लाइव इमेज को कैप्चर किया जाता है और यह ना केवल प्रेगनेंसी के दौरान बच्चों की पिक्चर लेने के लिए बल्कि अन्य भी कई प्रकार की मेडिकल प्रक्रिया में काम आता है। यह टेक्नोलॉजी सोनार और रडार के द्वारा उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी से मिलती-जुलती है जो मिलिट्री को प्लेन आदि डिटेक्ट करने में मदद करती है। अल्ट्रासाउंड के द्वारा Organs, Vessels, और Tissues आदि देखे जा सकते है।

Ultrasound का उपयोग क्यों किया जाता है?

इस लेख में हम आपको आगे बताएंगे की आखिर ‘अल्ट्रासाउन्ड कैसे होता है’ (Ultrasound Kaise Hota Hai) लेकिन उससे पहले आपका यह जानना जरूरी है कि आखिर अल्ट्रासाउंड का उपयोग क्यों किया जाता है? तो जानकारी के लिए बता देंगे अल्ट्रासाउंड एक जरूरी मेडिकल टेस्ट होता है जिसका उपयोग डॉक्टर Organs, Vessels, और Tissues आदि देखने के लिए करता है वह भी बिना किसी प्रकार के इंसीजन के अर्थात त्वचा को बिना कोई हानि पहुंचाए अल्ट्रासाउंड द्वारा शरीर के अंदर की तस्वीर दिखा सकती है।

अगर थोड़ा सरल भाषा में समझा जाए कि आखिर अल्ट्रासाउंड का उपयोग क्यों किया जाता है तो जानकारी के लिए बता दीजिए अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी के द्वारा बेहद ही आसानी से bladder, brain, eyes, gallbladder, kidneys, liver, ovaries, pancreas, spleen, thyroid, testicles, uterus और blood vessels आदि का बेहद ही आसानी से बिना त्वचा को कोई हानि पहुंचाए लाइव इमेज केपचर की जा सकती है। लाइफ ऐसे में यह मेडिकल क्षेत्र में काफी काम आता है कई प्रकार के इलाज में।

Ultrasound Kaise Hota Hai – अल्ट्रासाउन्ड कैसे होता है?

अगर आप जानना चाहते हो कि आखिर अल्ट्रासाउंड कैसे होता है (Ultrasound Kaise Hota Hai) या फिर जल्द ही आपको अल्ट्रासाउंड करवाना है और आप इसकी प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते हो तो जानकारी के लिए बता दे कि जब भी आप अल्ट्रासाउंड टेस्ट या फिर सोनोग्राफी टेस्ट ले जाते हो तो सबसे पहले आपको एक अस्पताल गाउन पहनाई जाती है जिससे की आसानी से अल्ट्रासाऊंड स्कैन के द्वारा आपके ऑर्गन्स आदि का व्यू लिया जा सके और आपके शरीर के अंदर के भाग को कैप्चर किया सके।

हॉस्पिटल गाउन पहनने के बाद आपको टेबल पर इस तरह लेताया जाता है कि आपका वह बॉडी क्षेत्र अल्ट्रासाऊंड टेस्ट के द्वारा कंप्यूटर में देखा जा सके जिससे डॉक्टर को देखना है। टेबल पर लेटने के बाद सोनोग्राफर अर्थात अल्ट्रासाउंड तकनीशियन के द्वारा आपके शरीर पर एक लुब्रिकेटिंग जेल लगाता है जो अल्ट्रासाऊंड स्कैन में शरीर की सही इमेज कैप्चर करने में मदद करती है। इसके बाद आपका टेस्ट शुरू होता है और ट्रांसड्यूसर मशीन के द्वारा आपकी बॉडी से होते हुए हाई फ्रिकवेंसी साउंड वेव्स भेजी जाती है।

जैसे ही इन वेव्स का एक को कोई डेन्स ऑब्जेक्ट जैसे कि ऑर्गन या फिर बोन को टच करता है तो वह एको मशीन से जुड़े हुए कंप्यूटर में दिखाई पड़ता है जिससे कि शरीर के अंदर की एक इमेज अल्ट्रासाउंड स्कैन के द्वारा कंप्यूटर पर दिखाई पड़ती है और शरीर के अंदर की विभिन्न प्रकार की समस्याओं को भी सामान्य तौर पर अल्ट्रासाऊंड स्कैन के द्वारा ट्रैक किया जा सकता है और उसके बाद उनका इलाज शुरू किया जा सकता है। यही कारण है की अल्ट्रासाउंड अर्थात सोनोग्राफी टेक्नोलॉजी वर्तमान में काफी उपयोग की जाती है।

क्योंकि मशीन में सामान्य तौर पर आप जिस तरह से लेते हुए हो उसे तरह से इमेज आती है तो ऐसे में कई बार आपको डॉक्टर को जो एरिया देखना है उसे देखने के लिए अपनी पोजीशन भी चेंज करनी पड़ सकती है जिससे की सटीक रूप से आपकी बॉडी के अंदर की इमेज ली जा सके और उसके बाद आपका इलाज शुरू किया जा सके या फिर कहे तो सटीक रूप से टेक्ट का रिजल्ट दिया जा सके। तो कुछ इस तरह से अल्ट्रासाउंड टेस्ट की प्रक्रिया होती है जो अल्ट्रासाउन्ड कैसे होता है (Ultrasound Kaise Hota Hai) का जवाब हैं।

Ultrasound Technology का महत्व

यह तो हम आपको बता चुके हैं कि आखिर अल्ट्रासाउन्ड कैसे होता है (Ultrasound Kaise Hota Hai) परंतु आपका यह जानना भी जरूरी है की आखिर अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी का महत्व क्या है तो जानकारी के लिए बताइए कई बार शरीर में ऐसी समस्या हो जाती है जिनके कंफर्मेशन के लिए टेस्ट करना जरूरी होता है, तो ऐसे में शरीर को बिना नुकसान पहुंचा अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी के द्वारा शरीर के अंदर का दृश्य देखते हुए कन्फर्मेशन की जा सकती है। वही प्रेगनेंसी के दौरान बच्चों की पिक्चर देने के लिए भी यह टेक्नोलॉजी काम आती है।

निष्कर्ष!

अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी या फिर कहा जाए तो सोनोग्राफी वर्तमान समय में एक विस्तृत टेक्नोलॉजी है जिसका उपयोग कई कार्यो के लिए किया जाता है और मेडिकल क्षेत्र में यह काफी उपयोगी साबित हो रही है। परंतु फिर भी कई लोग यह नहीं जानते कि आखिर अल्ट्रासाउंड क्या होता है और अल्ट्रासाउन्ड कैसे होता है (Ultrasound Kaise Hota Hai) और यही कारण है कि हमने यह लेख तैयार किया है जिसमें हमने इन विषयों की पूरी जानकारी देते हुए अल्ट्रासाउंड की पूरी जानकारी आसान भाषा में दी है।

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